सरकारी नौकरी का दबाव: युवाओं में मानसिक तनाव और इसका समाधान
IndiaTVNews24विशेष: आज भारत में लाखों युवा सरकारी नौकरी की दौड़ में लगे हैं। यह दौड़ अब सिर्फ करियर की नहीं, बल्कि सम्मान, स्थिरता और पारिवारिक उम्मीदों की हो चुकी है। लेकिन इस चक्कर में बच्चे मानसिक दबाव में आकर तनाव, डिप्रेशन और आत्महत्या जैसे कदम तक उठा रहे हैं।
क्यों होता है इतना दबाव?
- पारिवारिक अपेक्षाएं: माता-पिता का सपना — “बेटा सरकारी नौकरी में होना चाहिए।”
- समाज का डर: अगर नौकरी नहीं मिली तो लोग क्या कहेंगे?
- प्रतिस्पर्धा: लाखों अभ्यर्थी, सैकड़ों सीटें। सफलता बहुत कठिन।
- लंबा संघर्ष: 3–5 साल की तैयारी, फिर भी गारंटी नहीं।
मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- नींद की कमी, बेचैनी और घबराहट
- खुद पर विश्वास खत्म होना
- आत्महत्या तक के विचार
- रिश्तों से दूरी, अकेलापन
समाधान क्या है?
- पैरेंट्स का सपोर्ट: डांट की जगह संवाद करें। बच्चे की बात समझें।
- Plan B रखें: सिर्फ एक ही एग्जाम पर भरोसा ना करें।
- नौकरी के अन्य विकल्प: प्राइवेट सेक्टर, स्किल बेस्ड कोर्स, डिजिटल वर्क
- Mental Health को प्राथमिकता दें: ज़रूरत हो तो काउंसलिंग लें।
कुछ सकारात्मक बातें जो याद रखें
- आपकी पहचान सिर्फ एक नौकरी नहीं है।
- हर इंसान का सफर अलग होता है — किसी की मंज़िल जल्दी आती है, किसी की देर से।
- फेल होना अंत नहीं, एक सीख है।
- अपने टैलेंट को पहचानिए — शायद सफलता किसी और रास्ते पर इंतजार कर रही हो।
निष्कर्ष:
सरकारी नौकरी पाना एक सपना हो सकता है, लेकिन वह सपना आपकी जिंदगी पर भारी न पड़े। समाज और परिवार की अपेक्षाओं से ऊपर उठकर खुद को समय देना ज़रूरी है। मानसिक स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है — उसे न खोने दें।
IndiaTVNews24 पर हम हमेशा आपके मन की बात और ज़रूरतों को प्राथमिकता देते हैं।
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