पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर बिज़नेस: कैसे शुरू करें और क्या जरूरी है?
आज के समय में शुद्ध पानी की डिमांड हर जगह है — स्कूल, ऑफिस, शादी, होटल, दुकान, हर जगह बोतलबंद पानी की ज़रूरत होती है। ऐसे में पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर का बिज़नेस शुरू करना एक फायदे वाला आइडिया हो सकता है।
इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ये बिज़नेस कैसे शुरू करें, कितना खर्चा आता है, और किन लाइसेंस की जरूरत होती है।
जानिए पानी का बिज़नस कैसे होता है। और कैसे मैन्युफैक्चरिंग की जाती है इसकी।
Packaging drinking water 💦 manufacturing-:
पानी का बिज़नस आज कि डेट में बहुत लोकप्रिय बिजनेस माना जा रहा है।
पानी के बिजनेस में जितना पैसा है। वो ओर किसी बिजनेस में नहीं है। यह बिजनेस सूत्र का मानन है। पानी का बिज़नस एक ऐसा बिजनेस है।जो कभी बंद नहीं हो सकता।इस बिजनेस में ग्रोथ देखी गई है। Example के तौर पर बिसलेरी, क्लियर को देख ले कहा से कहा पहुंच गई कम्पनी। बड़ी बड़ी पानी की कंपनी के तो ipo भी है। जैसे VBL है। ओर भी बड़ी कम्पनी है जिनके IPO है। बहुत सी ऐसी कंपनी है। जीनके टर्नओवर करोड़ों में है।
जानिए कैसे इस पानी वाले बिजनेस को आप स्टेप कर सकते है।छोटे स्तर पर और बड़े स्तर पर। STEP BY STEP
Note -: इसमें 200ml से 20 लीटर तक मैन्युफैक्चरिंग की जाती है
छोटे स्तर पर पानी का बिज़नस:
आप इस बिजनेस को छोटे स्तर पर भी कर सकते है। आप इस बिजनेस को छोटे गांव में या छोटे शहर में भी खोल सकते हो।
इस बिजनेस में सबसे important chain मार्केटिंग। आप मार्केटिंग करके ऑल इंडिया में पानी सप्लाई कर सकते हो एक छोटे से शहर से।
जानिए कैसे पैकेजिंग ड्रिंकिंग वाटर 💦 इंस्टॉलेशन करते है छोटे स्तर पर?
पानी वाले बिजनेस में मशीनरी तीन तरह की होती है।
- मैनुअली मशीनरी - छोटे स्तर
- सेमी ऑटोमैटिक मशीनरी - छोटे स्तर/बड़े स्तर
- फूली ऑटोमैटिक मशीनरी - बड़े स्तर
यह तीन तरह की मशीनरी इंस्टॉलेशन होता है पानी के बिजनेस में।
जानिए तीनों मशीनरी में डिफरेंस किया किया है। और costing कितनी आती है।
SEMI AUTOMATIC/ सेमी ऑटोमैटिक:
- सेमी ऑटोमैटिक में लेबर का कम use होता है।लेबर costing कम आतीं है। मैन्युअली के कंपैरिजन में।
- ऑल ओवर वॉटर बॉटल बने में भी कास्टिंग कम आतीं है। मैनुअली comparison में।
Sami autimatic/ सेमी ऑटोमैटिक में कौन सी मशीनरी इंस्टॉल होती है
- 1- BLOWING MACHIN
- 2- RO -UV, SS में।
- 3-FILLER,
- 4-BATCH CODING/PRINTER
- 5- WEB SEALER
- 6-STICKER LABLEING MACHINE
- BLOWING MACHINE -:सबसे पहले सेमी ऑटोमैटिक के अंदर bottel बनाने की मशीन लगाई जाती है। यह दो टाइप की मशीन होती है। बस कम्पनी अलग अलग होती है।
- Two cavity auto drop machine - इसमें हर दो sec में दो बॉटल बनतीं है और बॉटल अपने आप ऑटो ड्रॉप होती है।
- Four cavity auto drop machine -इसमें हर दो sec में चार बॉटल बनतीं है और बॉटल अपने आप ऑटो ड्रॉप होती है।
- RO - UV-: इसमें पानी फिल्टर होता है। पानी का TDS कंट्रोल किया जाता है। PER HOUR पर अलग अलग कैपेसिटी होती है।
- 2000 LPH RO,3000 LPH RO,5000 LPH RO, 10000 LPH RO MAX भी बनाया जाता है।
- LPH का मतलब 1 घंटे में कितना पानी बनाएगा या फिल्टर होगा।
- जैसे 2000 LPH का मतलब एक घंटे में 2000लिटर पानी बनेगा।
- FILLER MACHINE -: यह मशीन बॉटल के अंदर पानी भरती है। साथ ही बॉटल में कैप भी लगाती है।इसमें अलग अलग स्पीड होती है।
- 24 BPM FILLER,30 BPM FILLER,40 BPM FILLER,60 BPM FILLER तक सेमी AUMOTOMTIC में आते है। इसे ऊपर फिर ऑटो मेटिक मशीन में चले जाते है
- 24 BPM FILLER का मतलब होता है । एक मिनट में 24 बॉटल में पानी ओर कैप लगाता है। BOTTEL PER MINUT होता है।
- BATCH CODING/PRINTER-: ये बॉटल पर प्रिंट करता है। जैसे DATE ओर EXP यह भी दो टाइप का होता है। Ink or laser mostly सेमी में ink वाला batch coding use किया जाता है। लेजर मशीन ऑटो वाले प्लांट में use किया जाता है।
- BATCH NUMBER भी लगा ते है। इसे BACH CODING भी बोलते है।
- WEB SEALER -: यह बोतौल तैयार होने के बाद इसको SHRIK में रेप करता है। अर्थात पोलीथिन के अंदर पैक करता है।
📋 जरूरी लाइसेंस और डॉक्युमेंट्स
लाइसेंस का नाम कहाँ से मिलेगा
- FSSAI License fssai.gov.in से
- BIS Certification (ISI Mark) Bureau of Indian Standards
- GST Registration gst.gov.in
- Water Testing Report NABL Lab से
- Trade License Local municipal office से
FULLY AUTOMATIC PLANT-:
- इसके अंदर सभी मशीनरी ऑटोमैटिक होती है।
- यह मशीन वॉटर बॉटल की COSTING ओर कम कर देता है। सेमी ऑटोमैटिक के कंपैरिजन में।क्योंकि FULLY ऑटोमैटिक मशीन में लेबर बहुत कम USE होती है। ना के बराबर
- लेकिन ये बहुत COSTLY होता है। यह बड़े प्लांट MOSTLY बड़े शहर लगाया जाता है।
- इन मशीनों का बजट भी बहुत ज्यादा होता है। यह छोटे शहरों में लगते भी नहीं है।
- इसके अंदर मोस्टली 90 BPM से लेके 1000 BPM तक आते है
- इसमें ब्लोइंग मशीन फूली ऑटोमैटिक होती है। लेबर लगाने की भी जरूरत नहीं होती।
- WEB SEALER भी फुली ऑटोमैटिक होता है ऑटोमैटिक पैकिंग होती है।
💡. सफल होने के लिए सुझाव
FSSAI और BIS की गाइडलाइन का पालन करें
Quality पर कभी समझौता ना करें
Brand नाम अच्छा और याद रखने वाला रखें
Social media और local marketing करें
अच्छी सप्लाई चैन बनाएं
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